ऐसे ही मन के विचारों को कविता में बाँधा है, जो छू जाये मन को,ऐसा लक्ष्य साधा है। ऐसे ही मन के विचारों को कविता में बाँधा है, जो छू जाये मन को,ऐसा लक्ष्य साधा है।
रात के समंदर सा शांत, मैं अपनी हद में हूँ। रात के समंदर सा शांत, मैं अपनी हद में हूँ।
आपनी तो जिंदगी हो गई है, अब धूल धाणि हो गई ! आपनी तो जिंदगी हो गई है, अब धूल धाणि हो गई !
मेरे गाँव से ही नहीं उसे मेरे देश से भी भागना पड़ेगा ! मेरे गाँव से ही नहीं उसे मेरे देश से भी भागना पड़ेगा !
विधि का विधान भी निराला है, उसके आगे चलता जोर किसी का नहीं है ! विधि का विधान भी निराला है, उसके आगे चलता जोर किसी का नहीं है !
वीर प्रहरियों की शहादत का शहीद दिवस मनाए, पुलवामा के हमले का काला दिवस मनाए ! वीर प्रहरियों की शहादत का शहीद दिवस मनाए, पुलवामा के हमले का काला दिवस मनाए !